भारत में 90 फ़ीसदी घटी पेट्रोल डीजल की बिक्री

नई दिल्ली। भारत में लॉक डाउन लागू होने के बाद सबसे ज्यादा असर पेट्रोल और डीजल की बिक्री में देखने को मिल रहा है। यदि यही हाल रहा तो सरकार का तेल आयात 25 से 30 फ़ीसदी कम हो जाएगा। जिससे सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए के विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने दावा किया है कि देश में सरकारी कंपनियों के 68000 तथा निजी कंपनियों के 10000 पेट्रोल और डीजल पंप है। आम दिनों में रोजाना 32.5 करोड़ लीटर डीजल तथा 10 करोड़ लीटर पेट्रोल बिकता था।
लॉक डाउन लागू होने के बाद अब डीजल और पेट्रोल की बिक्री मात्र 10 फ़ीसदी रह गई है। भारत में कुल खपत का लगभग 86 फ़ीसदी तेल आयात होता है। बिक्री में कमी होने के कारण सरकार को विदेशी मुद्रा की काफी बड़ी बचत होगी। वहीं बजट का घाटा बढ़ेगा।
केंद्र एवं राज्य सरकारों को भारी आर्थिक नुकसान
लॉक डाउन के कारण केंद्र एवं राज्य सरकारों का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। केंद्र सरकार प्रति लीटर पेट्रोल एवं डीजल में कीमत से ज्यादा टैक्स और शुल्क वसूल करती थी इसी तरह राज्य सरकारों ने भी भारी टैक्स पेट्रोल एवं डीजल पर लगा रखा था। लॉक डाउन के दौरान पेट्रोल डीजल की बिक्री कम होने से केंद्र एवं राज्य सरकारों को बहुत कम राजस्व प्राप्त हो रहा है। वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च में सभी सरकारों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है। उल्लेखनीय है केंद्र सरकार डीजल पर प्रति लीटर 18 रुपए 83 पैसे तथा पेट्रोल पर 22 रुपए 98 पैसे एक्साइज ड्यूटी वसूल करती है। इस हिसाब से डीजल में केंद्र सरकार को रोजाना 550 करोड़ और पेट्रोल पर 206 करोड रुपए का प्रतिदिन नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी तरह प्रत्येक राज्य सरकारों को भी लॉक डाउन के कारण करोड़ों रुपए प्रतिदिन का नुकसान उठाना पड़ रहा है।




